नई दिल्ली। देश के एक दक्षिणी राज्य के गर्वनर पर लगे सेक्सुअल हरेसमेंट के आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में ‘सुनामी’ की आशंका गहरा गई है। इस मामले में आरोपी गर्वनर के खिलाफ गृह मंत्रालय को शिकायत मिली है कि राजभवन में काम करने वाली महिलाओं पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाला जाता है।
यह बता दें कि मंत्रालय ने अभी तक राज्यपाल की पहचान उजागर नहीं की है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जांच एजेंसियों को मामले की जांच करने के आदेश दे दिए हैं। यदि राज्यपाल के खिलाफ सबूत मिलते हैं तो उन्हें तत्काल इस्तीफा देने के लिए कहा जाएगा। अभी तक केंद्र सरकार ने आरोपी गवर्नर को इस मामले में कोई नोटिस जारी नहीं किया है और जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि ऐसे ही एक मामले में बीते साल मेघालय के राज्यपाल वी शनमुगानाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। करीब 100 कर्मचारियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से इनकी शिकायत की थी।
शिकायत में राजभवन को ‘लेडीज क्लब’ बना देने का आरोप लगा था। लोगों का आरोप था कि गवर्नर की मर्जी से ही राजभवन में लड़कियां आती-जाती थीं और उनमें से कई की पहुंच तो गवर्नर के बेडरूम तक थी। नौकरी पाने की प्रत्याशी एक महिला ने भी राज्यपाल पर आरोप लगाया था कि वह जब राजभवन में साक्षात्कार देने आई थी तो उन्होंने उसके साथ छेड़छाड़ की थी।