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साधारण कहानी में असाधारण परफॉर्मेंस, बहुत कुछ सिखाती है ‘हिचकी’

बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी की फिल्म ‘हिचकी’ शुक्रवार 23 मार्च को रिलीज हो गई है। ये फिल्म इमोशनल सीन्स से भरी हुई है, जो आपको रुलाने के साथ-साथ हंसाएगी भी। ‘बुरे स्टूडेंट नहीं.. सिर्फ बुरे टीचर्स होते हैं’ ये बात नैना माथुर का किरदार निभा रहीं रानी मुखर्जी अपने साथी टीचर को कहती हैं। फिल्म ‘हिचकी’ का यह सीन ऑडिएंस को इमोशनल कर देने के लिए बहुत है।

फिल्म में रानी मुखर्जी टीचर नैना माथुर का किरदार निभा रहीं हैं, जो टॉरेट सिंड्रोम से पीडि़त हैं, जिसके कारण उन्हें बार-बार हिचकी आती है। वह टीचिंग में अपना कॅरियर बनाना चाहती हैं। काफी मुश्किलों के बाद एक स्कूल में उनको टीचर के रूप में रखा जाता है। लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उस क्लास के 14 बच्चे बहुत ही शरारती हैं जिनके कारण कोई भी टीचर ज्यादा दिनों तक उस स्कूल में टिक नहीं पाता।

फिल्म पूरी तरह से रानी मुखर्जी पर केंद्रित है। रानी ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी है। उन्होंने अपने इस किरदार को भरपूर जिया है। बतौर टीचर रानी ने स्टूडेंट्स के साथ बॉन्डिंग को बखूबी पर्दे पर पेश किया है।

कहानी में कई ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं, जिसमें एक पल ऐसा भी आता है जब नैना स्कूल छोडऩे का मन भी बना लेती हैं। अब क्या नैना स्कूल छोडक़र चली जाएगी या बच्चे सुधर जाएंगे? आखिर में रिजल्ट क्या आता है यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

आपको ये भी बता दें कि इस फिल्म के माध्यम से रानी मुखर्जी 4 साल बाद फिल्मों में वापसी की हैं। डायरेक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने साल 2010 में फिल्म ‘वी आर फैमिली’ डायरेक्ट की थी। उसके बाद अब लगभग 8 साल बाद सिद्धार्थ के डायरेक्शन में फिल्म ‘हिचकी’ रिलीज हुई है।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar