मॉस्को। आठ महीने से ज्यादा समय से चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। यूक्रेन के समर्थन में पश्चिमी देशों के आने से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लगातार उनपर निशाना साध रहे हैं।
इस बीच, रूस ने आज गुरुवार को ब्रिटिश राजदूत डेबोरा ब्रोनर्ट (British Ambassador Deborah Bronnert) को तलब कर विरोध जताया है। दरअसल, मॉस्को ने दावा किया है कि क्रीमिया में रूस के ब्लैक सी बेड़े पर यूक्रेनी ड्रोन हमले में ब्रिटिश नौसेना के कर्मी शामिल थे।
डेबोरा ब्रोनर्ट जब विदेश मंत्रालय पहुंचीं तो इस दौरान कुछ लोगों ने ब्रिटिश विरोधी नारे भी लगाए। उन्होंने ‘ब्रिटेन एक आतंकवादी देश है’ जैसे नारे लिखी हुईं तख्तियां भी पकड़ रखी थीं।
30 मिनट तक मंत्रालय में रहीं राजदूत
ब्रोनर्ट करीब 30 मिनट तक मंत्रालय के अंदर रहीं। हालांकि, इस पर अब तक रूस या ब्रिटेन की ओर से कोई बयान नहीं आया। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि क्रीमिया पर शनिवार के ड्रोन हमले पर राजदूत को तलब किया जाना है। मालूम हो कि क्रीमिया को रूस ने 2014 में यूक्रेन से अलग कर लिया था।
दूसरी ओर ब्रिटेन ने अपने ऊपर लगे दावों को झूठा बताया है। रूस ने ब्रिटेन को एक विशेष रूप से घातक पश्चिमी शक्ति के रूप में बताया है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कहते हैं कि रूस को नष्ट करने और अपने विशाल प्राकृतिक संसाधनों को तराशने के लिए ब्रिटेन साजिश रच रहा है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटिश नौसेना कर्मियों ने नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइनों को उड़ा दिया, लेकिन इस दावे को भी लंदन में गलत बताया और कहा कि यूक्रेन में रूसी सैन्य विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए ऐसा दावा किया गया है।