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मुंबई क्रूज रेडः नवाब मलिक के आरोपों को एनसीबी ने किया खंडन, कहा- बिना किसी राजनैतिक दबाव और पारदर्शी तरीके से की गई कारवाई

मुंबई क्रूज रेड मामले में एनसीबी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। एनसीबी का कहना है कि पूरी कार्रवाई बिना किसी राजनैतिक दबाव के और पारदर्शी तरीके से की गई है। शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान एनसीबी अधिकारी ने कहा कि राकांपा नेता की ओर से लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

उन्होंने बताया कि एनसीबी अपने इंटेलिजेंस व पब्लिक से मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई करती है। ऐसी ही एक सूचना के आधार पर क्रूज शिप पर दो अक्तूबर को रेड की गई थी, जिसमें आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। एनसीबी ने बताया कि उनके पास से ड्रग्स के साथ एक लाख 35 हजार रुपये भी बरामद हुए थे।

गवाह के तौर पर शामिल करने होते हैं बाहरी लोग 

एनसीबी ने बताया कि किसी भी कार्रवाई से पहले हमें गवाह के तौर पर लोगों को शामिल करना होता है। क्रूज शिप पर हुई रेड में नौ स्वतंत्र गवाह बनाए गए थे, जिसमें मनीष भानुशाली और केपी गोसावी भी थे। उन्होंने दावा किया कि इस रेड से पहले एनसीबी उन गवाहों को जानती नहीं थी।

14 लोग लाए गए थे, छह को छोड़ा 

एनसीबी ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि दो अक्तूबर की रात हुई रेड के बाद कुल 14 लोगों को एनसीबी दफ्तर में लाया गया था। पूछताछ के बाद छह लोगों को छोड़ दिया गया था।

नवाब मलिक ने लगाए थे आरोप 

एनसीबी की प्रेसवार्ता से पहले राकांपा नेता नवाब मलिक ने गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि उस रात 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था और भाजपा नेता के दबाव में तीन लोगों को छोड़ दिया गया था।

 

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