मुंबई। दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत पर शुक्रवार को वानखेड़े स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच के दौरान आईपीएल की आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए मैच फीस का 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। वहीँ कोच प्रवीण आमरे पर भी मैच फीस का 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है।
दरअसल आईपीएल में शुक्रवार को राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स को 15 रनोंं से मात दी। वैसे यह मुकाबला राजस्थान की जीत से ज्यादा हाईवोल्टेज ड्रामे को लेकर सुर्खियों में है। यह पूरा ड्रामा आखिरी ओवर में एक नो-बॉल नहीं देने को लेकर हुआ। दरअसल, आखिरी ओवर में दिल्ली कैपिटल्स को जीत के लिए 6 गेंद पर 36 रन बनाने थे। रोवमैन पॉवेल ने पहली तीन गेंदों पर लगातार तीन छक्के लगाकर दिल्ली की उम्मीदें जगा दीं। खास बात यह रही कि गेंदबाज ओबेड मैककॉय की तीसरी गेंद फुल टॉस थी, जिसे दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने नो-बॉल देने की मांग की। हालांकि मैदानी ने नो-बॉल नहीं दिया, जिससे गुस्सा होकर पंत ने अपने खिलाड़ी को वापस बुलाने का इशारा किया।
हालांकि कैपिटल्स के सहायक कोच शेन वॉटसन और कुछ अन्य खिलाड़ियों ने पंत को शांत किया और बल्लेबाज क्रीज पर खड़े रहे। 20 ओवर में 223 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली कैपिटल्स को छह गेंदों में 36 रनों की जरूरत थी और दो विकेट हाथ में थे। वेस्टइंडीज के हिट-मैन रोवमैन पॉवेल ने पहली तीन गेंदों में तीन छक्के जड़े, लेकिन तीसरी गेंद गेंदबाज ने नो बॉल फेंका।
पंत ने दिल्ली कैपिटल्स के कोच प्रवीण आमरे को अंपायरों के साथ बहस करने के लिए मैदान में जाने के लिए भेजा और उन नियमों को ध्यान में रखते हुए उन्हें थर्ड अंपायर को रेफर करने की आवश्यकता पर जोर डाला, जो ऐसे फैसलों की समीक्षा थर्ड अंपायर द्वारा करने की अनुमति नहीं देते हैं। ऑन-फील्ड अंपायर ने नो बॉल करार नहीं दिया और मैच को आगे बढ़ाया। उसके बाद टीम ने 15 रन से मैच को गंवा दिया था। शनिवार को आईपीएल ने एक बयान जारी कर कहा, पंत ने आईपीएल आचार संहिता के अनुच्छेद 2.7 के तहत लेवल 2 का अपराध स्वीकार कर जुर्माने की राशि को मंजूरी दी है। वहीं, दिल्ली कैपिटल्स के शार्दुल ठाकुर पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है।
दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच प्रवीण आमरे पर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ अपनी टीम के मैच के दौरान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए मैच फीस का 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है और साथ ही इस अपराध के लिए एक मैच पर प्रतिबंध लगाया गया है।