मेरठः भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह को बुधवार को जेल भेज दिया गया। इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा अभी लापता है। भ्रष्टाचार के मुकदमे में इंस्पेक्टर व हेड कांस्टेबल के अलावा तीन अज्ञात पुलिस वाले भी शामिल हैं। वहीं जेल जाने से पहले सदर थाने में हेड कांस्टेबल फूट-फूटकर रोया। उसकी हालत देखकर पुलिस में भी दहशत का माहौल रहा। एसपी सिटी और सीओ क्राइम ने सदर थाने में इस मामले में लिखा-पढ़ी कराई है।
थाने में फूट-फूटकर रोया हेड कांस्टेबल
एडीजीसी क्रिमिनल सुचि शर्मा ने बताया कि बुधवार हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या-1 नरेंद्र तोमर की अदालते में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। कांस्टेबल के जेल जाने के बाद पुलिस ने इंस्पेक्टर सदर बिजेंद्र सिंह राणा की तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं लगा। एसएसपी ने मंगलवार रात में ही दोनों को सस्पेंड कर दिया था। हेड कांस्टेबल को दो पुलिस वालों के साथ सदर थाने में एक कमरे में रखा गया था। जेल जाने से पहले कांस्टेबल ने सदर थाने में रोते हुए कहा कि वह बेकसूर है। बहुत बदनामी हो गई। सारा खेल इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा का है। यह रुपये इंस्पेक्टर ने ही कबाड़ी से लेने को कहा था। कांस्टेबल की हालत देखकर सदर थाने के पुलिस वालों में भी दिनभर दहशत का माहौल रहा। थाने में सन्नाटा पसरा रहा है। इंस्पेक्टर सदर बिजेंद्र सिंह राणा, हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह के साथ तीन अज्ञात लोगों के नाम मुकदमे में शामिल हैं। अब उन्हें भी डर सता रहा कि पता नहीं किसके नाम मुकदमे में खुलेंगे।
डंडे से पीटा, हवालात में डाला और फिर मांगी रिश्वत
पुलिस के सामने बुधवार कबाड़ी वकार ने थाने में मीडिया को बताया कि इंस्पेक्टर ने उसको डंडे से पीटा व फिर हवालात में डाल दिया। तीन सिपाही मारपीट करने में शामिल थे। इंस्पेक्टर के बुलावे पर रविवार शाम मैं सदर थाने में आया था। पिटाई के करीब आधे घंटे बाद ट्रक मालिक इमरान से उसका आमना-सामना कराया। इमरान से साफ कहा कि उसने मुझे ट्रक नहीं बेचा। मैंने कहा कि साहब मुझको छोड़ दो, मेरी कोई गलती नहीं है। जिस पर इंस्पेक्टर ने गाली-गलौज शुरू कर दी। मुझे फिर से हवालात में बंद कर दिया, फिर रुपये की मांग की।
इंस्पेक्टर लाचली है, रुपये के बगैर नहीं छोड़ेगा
एसपी सिटी के सामने कबाड़ी वकार ने कहा कि कांस्टेबल को वह पांच साल से जानता है। उसकी बिजनौर में क्राइम ब्रांच में पोस्टिंग थी, तभी से मेरा उसका परिचय है। इंस्पेक्टर के बार-बार पिटवाने पर वकार ने कांस्टेबल से कहा कि मैं तुम्हारे कहने पर आया हूं। जिस पर कांस्टेबल ने कहा कि इंस्पेक्टर लालची है, बगैर रुपये लिए नहीं छोड़ेगा। दस लाख से बात शुरू हुई है, फिर एक लाख रुपये में सौदा हो गया। वकार ने कहा कि मेरे सामने इमरान चार लाख रुपये देकर थाने से छूटकर गया है।
दिनभर थानों में गहमा-गहमी
पुलिस के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज होने और हेड कांस्टेबल की गिरफ्तार के बाद थानों में दिनभर गहमा-गहमी रही। इसको लेकर पुलिस वालों में दिन भर चर्चा रही। कई जिलों से पुलिसवालों के पास फोन घनघनाते रहे।
यह था मामला
सदर बाजार थाने में सात महीने पहले ट्रक की फर्जी चोरी के मामले की दोबारा जांच के निर्देश एसएसपी ने इंस्पेक्टर सदर बिजेंद्र सिंह राणा को दिए थे। इंस्पेक्टर ने ट्रक मालिक इमरान, ड्राइवर अब्दुल सलाम निवासी मसूरी गाजियाबाद और ट्रक खरीदने वाले मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी कबाड़ी वकार को पकड़ा था। आरोप है कि ट्रक मालिक और ड्राइवर को चार लाख रुपये की रिश्वत लेकर छोड़ गया। वकार को छोड़ने के लिए भी एक लाख रुपये की रिश्वत मांग ली। यह डील सदर थाने के हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह ने की। वकार सोमवार को 50 हजार रुपये देकर छूट गया, बाकी रकम मंगलवार को देना था। वादे के मुताबिक, वकार रिश्वत देने मेरठ आया था, तभी एसपी सिटी की टीम ने हेड कांस्टेबल को 30 हजार रुपये के साथ रंगेहाथ दबोच लिया। उसने पूछताछ में इंस्पेक्टर की पोल खोल दी। इसके बाद सदर थाने में वकार की तहरीर पर इंस्पेक्टर सदर बिजेंद्र सिंह राणा और हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह के खिलाफ मारपीट, अवैध तरीके से हिरासत में रखने व रिश्वत मांगने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया।