लखनऊ

रचनात्‍मक सोच की कोई मानक पुस्तिका नहींः डा. आलोक धवन

आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ, 3 दिवसीय नगर स्तरीय विज्ञान मेले का समापन, मुख्य अतिथि डा. आलोक धवन, निदेशक भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान लखनऊ

लखनऊ। विद्यार्थियों में रचनात्मक सोच पैदा करने एवं अपने जीवन में समस्याओं को हल करने का गुण उत्पन्न करने के उद्देश्य से आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ में 3 दिवसीय नगर स्तरीय विज्ञान मेले का समापन आज सम्पन्न हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि डा. आलोक धवन, निदेशक, भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को सम्बोधित करते हुए बताया कि रचनात्मकता का गुण साधारण कार्यप्रणाली से नहीं सीखा जा सकता और न ही रचनात्मक सोच एवं नवाचार का गुण सीखने के लिए कोई मानक पुस्तिका है परन्तु ये गुण उनके पास जरूर होते हैं जो प्रश्न पूछने और जिज्ञासु दिमाग वाले बच्चे होते है। उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी कि विद्यार्थियों द्वारा पूछे गये हर प्रश्न का उत्‍तर देना चहिए।  इससे अधिक से अधिक रचनात्मक सोच रखने वाले और नवाचार करने वाले विद्यार्थियों को खोजा जा सकता है जिसमें देश का कल्याण निहित है।

आंचलिक विज्ञान नगरी के क्यूरेटर सौमेन घोष ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और ऐसे रचानात्मक प्रोजेक्ट के निर्माण हेतु उनकी सराहना की।  उन्होंने जानकारी दी कि प्रत्येक श्रेणी (व्यक्तिगत और टीम प्रोजेक्ट) के विजेता प्रेजेक्ट को राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली में माह जनवरी, 2016 के तृतीय सप्ताह में आयोजित होने वाले उत्तर क्षेत्रीय विज्ञान मेले में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त होगा।  कार्यक्रम के अंत में पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि द्वारा विजयी प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार के साथ प्रमाण पत्रों से सम्मानित किया गया।

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