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बुंदेलखंड में सूखा-मुक्ति के लिए चल रही चेतना यात्रा

छतरपुर, 1 जून (आईएएनएस)| देश और दुनियाभर में बुंदेलखंड की पहचान सूखा प्रभावित क्षेत्र के तौर पर है। यहां गर्मी की दस्तक के साथ ही जलसंकट गहराने लगता है और खेती से लेकर पेयजल हासिल करना तक मुश्किल हो जाता है।

इस समस्या के निदान के लिए जन-जागृति अभियान चलाया जा रहा है। जल-जन जोड़ो अभियान के राज्य समन्वयक मानवेंद्र सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि किसानों को पानी संरक्षण के साथ कम पानी में पैदा होने वाली फसलों को उगाने की सलाह दी जा रही है।

सिंह के मुताबिक, पिछले पांच दिनों से इस इलाके में ‘बुंदेलखंड सूखा-मुक्ति चेतना यात्रा’ जारी है। यह यात्रा जल-जन जोड़ो अभियान के अंतर्गत परमार्थ समाजसेवी संस्थान के युवा साथियों की टोली के साथ छतरपुर जिले के बीहड़ अंचल बिजावर के ग्राम एरोरा से प्रारंभ होकर गुरुवार को ग्राम डाही एवं रैदासपुरा पहुंची।

उद्यान निरीक्षक विश्वकर्मा द्वारा इस यात्रा के दौरान अभी हाल में ही लघु सीमांत अनुसूचित जाति, जनजातीय के लिए शासन स्तर पर शुरू की गई ड्रिप मल्चिंग से की जाने वाली लघु सिंचाई पद्धति वाली खेती के लिए उद्यानिकी मूल्य अनुबंध योजना की जानकारी दी गई।

इस अवसर पर राज्य समन्वयक मानवेंद्र सिंह ने जल संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, पानी पर समुदाय का प्रथम अधिकार सुनिश्चित होना चाहिए एवं प्रत्येक वर्ग को गरिमापूर्ण ढंग से जरूरत के मुताबिक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए हमें लामबंद होकर जल सुरक्षा अधिनियम को लागू करवाने खातिर बड़े पैमाने पर जन-पैरवी करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि गांव में पानी, किसानी और जवानी को संरक्षित करने के लिए एकजुट होकर सामुदायिक पहल करनी होगी।

यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने बताया के गांव में गंभीर पेयजल संकट है। लगातार सूखे के कारण जलस्रोत सूख रहे हैं, नदियों और तालाबों में पानी नहीं होने के कारण मवेशी मर रहे हैं। गांव में रोजगार के अवसर बहुत कम हैं, इसलिए पलायन बढ़ा है। यात्रा के दौरान जन आंदोलन-2018 को लेकर भी चर्चा की गई एवं हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।

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