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इसरो की लीथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी में 130 कंपनियों ने दिखाई रुचि

चेन्नई, 15 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की लिथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी में 130 से अधिक कंपनियों ने रुचि दिखाई है और पूर्व-आवेदन प्रक्रिया के लिए मंगलवार को सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस. सोमनाथ ने आईएएनएस को बताया, लीथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी को स्थानांतरित करने की हमारी घोषणा के जवाब में भारी प्रतिक्रिया मिली है। 130 से अधिक कंपनियों ने आरएफक्यू दस्तावेज (एक मानक व्यापार प्रक्रिया जिसका उद्देश्य आपूर्तिकर्ताओं को बोली प्रक्रिया में आमंत्रित करना है) खरीदा है। आवेदन सम्मेलन मंगलवार को आयोजित किया जाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जून में एक करोड़ रुपये में ऑटोमोबाइल में उपयोग के लिए गैर-विशिष्ट आधार पर भारतीय उद्योग में अपनी लीथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी को स्थानांतरित करने के अपने फैसले की घोषणा की थी।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि यह पहल स्वदेशी विद्युत वाहन उद्योग के विकास में तेजी लाएगी।

इसरो ने कहा था, केरल में स्थित वीएसएससी देश में उत्पादन केंद्र की स्थापना के लिए गैर-विशिष्ट आधार पर सफल भारतीय उद्योग व उद्यमियों को लीथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराएगा, ताकि वह बिजली भंडारण की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले विभिन्न आकार, क्षमता, ऊर्जा घनत्व और बिजली घनत्व के सेल का उत्पादन कर सकें।

सोमनाथ के अनुसार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

उन्होंने कहा, सफल कंपनियां वीएसएससी में आ सकती हैं और बैटरी प्रौद्योगिकी के बारे में जान सकती हैं। हमारे पास प्रौद्योगिकी के खरीदारों के पास जाने के लिए जनशक्ति नहीं है।

सोमनाथ ने कहा कि इसरो अपने रॉकेट और उपग्रहों के संचालन के लिए विभिन्न आकारों और ताकत (1.5 से 100 एम्पेयर) की लीथियम आयन सेल बैटरी बनाता है।

उन्होंने कहा, लेकिन इसरो को लीथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी के खरीदारों से कोई रॉयल्टी नहीं मिलेगी। हमारा विचार उद्योग को विकसित करने में सक्षम बनाना है।

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