IANS News

दुती चंद का स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत

नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)| इंडोनेशिया के जकार्ता में जारी 18वें एशियाई खेलों में 100 और 200 मीटर स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला एथलीट दुती चंद का यहां स्वदेश लौटने पर शुक्रवार को भव्य स्वागत किया गया। दुती ने 200 मीटर के फाइनल में 23.20 सेकेंड और 100 मीटर के फाइनल में 11.32 सेकेंड के समय लेकर रजत पदक अपने नाम किया था।

22 वर्षीय दुती पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं जिन्होंने बीते 32 वर्षो में पहली बार एशियाई खेलों के 100 और 200 मीटर रेस में पदक जीता है। इससे पहले उड़नपरी पीटी ऊषा ने 1986 में यह उपलब्धि हासिल की थी।

कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में दुती को सम्मानित किया गया। वह कल (गुरुवार ) शाम को स्वदेश लौटीं। केआईआईटी के संस्थापक अच्युता सामंता ने उन्हें गुलदस्ता और शॉल देकर सम्मानित किया।

केआईआईटी 2013 से ही दुती को हरसंभव मदद दे रहा है। इस अवसर पर दुती के कोच रमेश भी मौजूद थे। उन्हें भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर दुती ने कहा, मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है कि मैंने देश के लिए दो-दो पदक जीते। इस समारोह में मुझे जो सम्मान प्राप्त हुआ है, उसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की है। जब मैं इंडोनेशिया के लिए रवाना हुई थी तब भी मुझे यहां बहुत अच्छी विदाई दी गई थी। मुझे कहा गया था कि तुम जाओ, हमें उम्मीद है कि तुम अच्छा प्रदर्शन करोगी और मैंने किया।

उन्होंने कहा, मैंने सोचा नहीं था कि मैं दो-दो पदक जीतूंगी, लेकिन मैंने मेहनत की और मुझे इसका फल मिला। 100 मीटर में पदक जीतना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये मेरी पसंदीदा स्पर्धा है। आप लोगों को पता है कि 100 मीटर में मैं केवल 0.02 सेकंड के समय के अंतर से स्वर्ण पदक जीतने से चूक गई।

दुती ने कहा, हालांकि मुझे लगता है कि यह सब भगवान की मर्जी थी। मेरा काम सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ देना था। हो सकता है कि अगली बार भगवान मुझे स्वर्ण दे। मैं आप लोगों से वादा करती हूं कि मैं देश के लिए आगे भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देती रहूंगी।

दुती की इस शानदारी कामयाबी पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें तीन करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा टोक्यो ओलम्पिक-2020 की तैयारी तक दुती के ट्रेनिंग का सारा खर्च सरकार द्वारा उठाने की घोषणा भी की है।

ओडिशा की रहने वाली दुती ने राज्य सरकार के इस फैसले पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, पुरस्कार की खबर सुनकर मुझे बहुत खुशी हो रही है क्योंकि ओडिशा में पहली बार इतना बड़ा पुरस्कार किसी को मिलेगा। इससे मुझे बहुत मदद मिल रही है। मुझे अभी और 5-10 साल देश के लिए पदक जीतना है। यह सुनकार बेहद खुशी हो रही है कि राज्य सरकार ओलम्पिक तक मेरी ट्रेनिंग का खर्चा उठाएगी।

दुती ने अपनी सफलता के लिए कोच गोपीचंद और उनकी अकादमी का भी शुक्रिया अदा किया।

=>
=>
loading...