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भारत का वो द्वीप जहां से आज तक कोई जिंदा लौटकर वापस नहीं आया..

नई दिल्ली। अंडमान निकोबार के प्रतिबंधित क्षेत्र में गए एक अमेरिकी पर्यटक की वहां रहने जनजातीय लोगों ने हत्या कर दी। सेंटिनल आइलैंड पर रहने वाले सेंटिनेलीज लोग बाहरी दुनिया के लोगों से बिल्कुल संपर्क नहीं रखते। बताया जा रहा है कि जैसे ही उसने द्वीप की जमीन पर कदम रखा सेंटिनेलीज लोगों ने उस पर तीर कमान से हमला कर दिया था।

 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, चाऊ की हत्या उत्तरी सेंटिनल द्वीप में की गई है जो अंडमान का हिस्सा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेंटिनल द्वीप में रहने वाले जनजातीय लोगों ने चाऊ की हत्या की। चाऊ कथित तौर पर पांच बार द्वीप के बेहद दुर्गम इलाकों में जा चुके थे और स्थानीय लोगों से मिलना चाहते थे। इस मामले में सात मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने चाऊ को वहां तक पहुंचाने में मदद की। बताया जा रहा है कि तीर मारकर चाऊ की हत्या की गई। उत्तरी सेंटिनल द्वीप को एक रहस्यमयी द्वीप कहा जाता है क्योंकि यहां रहने वाली जनजाति बाहरी दुनिया से किसी तरह का संपर्क नहीं रखती है। सेंटिनल द्वीप के आदिवासी न तो बाहरी दुनिया से कोई संपर्क रखते हैं और न ही किसी को रखने देते हैं।

 

ये द्वीप इतना खतरनाक है कि समुद्र में दूर तक जाने वाले मछुआरे भी इस टापू पर गलती से नहीं आते हैं। खबरों के अनुसार वर्ष 2006 में कुछ मछुआरे इस आइलैंड पर गलती से पहुंच गए थे। उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इससे पहले भी ये लोग टापू पर आने वाले कई लोगों के साथ जानलेवा हिंसा कर चुके हैं। काफी साल पहले इस आइलैंड पर एक कैदी जेल से भागकर पहुंच गया था। आदिवासियों ने उसे भी मार दिया था। ये लोग तीर चलाने में माहिर हैं।

इन्होंने आज तक अपनी जमीन पर किसी बाहरी व्यक्ति को पैर रखने नहीं दिया है। इसलिए उनकी ढंग की फोटो भी उपलब्ध नहीं हैं। इनकी जो भी तस्वीर व वीडियो हैं, वह बहुत दूरी से ली गई हैं। ये दिखते कैसे हैं, ये भी रहस्य बना हुआ है। ये जनजाति इतनी पिछड़ी हुई है कि आज भी इन्हें खेती करना नहीं आता। पूरे इलाके में घने जंगल हैं। इससे अनुमान लगाया जाता है कि यहां के लोग जंगली जानवरों के शिकार और जंगल के फल खाकर पेट भरते हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH