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नक्सलियों के गढ़ सुकमा में AK 47 लेकर एक बाइक पर निकले एसपी-डीएम, कदम-कदम पर थी मौत

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जिलाधिकारी चंदन कुमार और एसपी शलभ सिन्हा ने बहादुरी का परिचय देते हुए जिले के दूरवर्ती इलाके का दौरा मोटरसाइकिल से किया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला अक्सर नक्सलियों की हिंसा के चलते सुर्खियां बटोरता रहता है। यहां नक्सलियों का इतना खौफ है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी यहां काम नहीं करना चाहता। घने जंगलों में मौजूद ग्रामीण इलाकों में सरकारी अफसर-कर्मचारी जाने से डरते हैं। कर्मचारियों का डर खत्म करने और ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति भरोसा पैदा करने के लिए कलेक्टर और एसपी ने खुद पहल की है। इन दोनों अफसरों ने खुद को खतरे में डालकर मोटरसाइकिल से कई किलोमीटर लंबी यात्रा की और विकास कार्यों का जायजा लिया।

जिलाधिकारी चंदन कुमार ने बताया, “हम एक नियत स्थान तक वाहनों से गए, और सुरक्षाकर्मियों की मदद भी ली, जहां की सड़कों पर विस्फोटक होने की आशंका होती है। उसके बाद हमने पुलिस अधीक्षक के साथ मोटरसाइकिल की सवारी की। रास्ते में घने जंगलों से होकर गुजरना पड़ा। सजग और सतर्क रहे और कोई दिक्कत नहीं आई।”

उन्होंने कहा, “किस्टाराम गांव में पहुंचकर वहां चल रहे विकास कार्यो का जायजा लिया। वहां स्कूल, आश्रम, छात्रावास, स्वास्थ्य केंद्र आदि के निर्माण कार्य चल रहे हैं। सड़क का निर्माण भी होना है, जिससे वहां के लोगों को लाभ होगा। हम जब वहां के आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचे तो सुखद लगा, क्योंकि बच्चे अंडे और केले खा रहे थे।”

इस दौरे की प्लानिंग के बारे में एसपी शलभ सिन्हा बताते हैं, “आम तौर पर लोग किस्टाराम तक आसानी से जाते नहीं हैं, कर्मचारी तक नहीं जाते, क्योंकि नक्सलियों की गतिविधियां वहां ज्यादा होती हैं लेकिन जिलाधिकारी ने उस क्षेत्र में जाने की इच्छा जताई, ताकि वहां विकास कार्यों, राशन वितरण व्यवस्था आदि को करीब से देखा जाए और लोगों की समस्याओं को समझा जाए, किस्टाराम पुलिस थाने के अंतर्गत पालुड़ी में सीआरपीएफ और पुलिस का शिविर भी हैं, और हम वहां भी गए।”

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH