लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक और उससे बने सामान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। राजधानी समेत सूबे भर में एक सितंबर के बाद कहीं भी प्रतिबंधित प्लास्टिक बिकता पाया गया तो संबंधित क्षेत्र के थानेदार व नगर निगम के क्षेत्रीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे। प्रदेश में 50 माइक्रान से पतली प्लास्टिक से कम के उत्पादों का इस्तेमाल करते पाया गया तो एक लाख रूपये तक जुर्माना और छह महीने की जेल की सजा का प्रावधान है।
गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने सोमवार 26 अगस्त को जारी निर्देश में कहा था कि 31 अगस्त के बाद अगर उत्तर प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में प्रतिबंधित प्लास्टिक बेचे जाने की खबर मिली तो सम्बन्धित थानाध्यक्ष, नगर निगम के क्षेत्रीय अधिकारी, वाणिज्य कर के क्षेत्रीय अफसर और सम्बन्धित क्षेत्र के मजिस्ट्रेट एवं क्षेत्राधिकारी को संयुक्त रूप से जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये कि वे सम्बन्धित मजिस्ट्रेट/क्षेत्राधिकारी से उनके क्षेत्र में पॉलीथीन की बिक्री रोकने के लिये समुचित कार्रवाई करने और बिक्री को पूरी तरह रोकने के बारे में तीन दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट दें।