नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान ने कर्नाटक के गुलबर्ग में 15 फरवरी को एक जनसभा के दौरान बिना नाम लेते हुए कहा था कि ‘100 करोड़ (हिंदुओं) पर 15 करोड़ (मुस्लिम) भारी पड़ेंगे। वारिस के इस बयान पर बवाल मच गया। इन सबके बीच वारिस पठान ने अपने बयान पर माफ़ी मांग ली है।
वारिस पठान ने कहा है कि राजनीतिक साजिश के चलते उनके बयान को तोड़-मरोड़कर उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। पठान ने यह भी कहा कि अगर इससे किसी को दुख पहुंचा हो तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं।
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान मुंबई की भायखला विधानसभा सीट से विधायक रहे चुके हैं। ‘100 करोड़ पर 15 करोड़ भारी पड़ेंगे’ इस बयान के बाद वारिस पठान चौतरफा घिरे। विपक्षी पार्टियों ने तो उन्हें घेरा ही, खुद उनकी पार्टी ने भी उन्हें इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया। शुरुआत में तो वारिस पठान ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम रहेंगे लेकिन अब उन्होंने इसपर माफी मांग ली है।
वारिस पठान ने राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए कहा है, ‘राजनीतिक साजिश के तहत मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है और मुझे और मेरी पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। अगर इस बयान से किसी को दुख पहुंचा है तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं और मैं अपने बयान को वापस लेता हूं।’