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दिल्ली: CAA के विरोध में हुई हिंसा में अब तक 7 की मौत, कई इलाकों में धारा 144 लागू

नई दिल्ली। दिल्ली के जाफराबाद में नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर भड़की हिंसा में अब तक एक पुलिसकर्मी समेत सात लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा में जान गंवाने वाले रतन लाल दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल थे। वे अपने पीछे परिवार में एक 9 वर्ष का बेटा और दो बेटियां भी छोड़ गए हैं। तीनों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। परिवार के मुखिया की इस तरह मौत के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उधर, सीएए समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प को देखते हुए राजधानी के 10 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। एक हजार से ज्यादा लोगों का इकट्ठा होना इस बात की ओर इशारा करता है कि यह सुनियोजित साजिश थी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मंगलवार सुबह भी हिंसा व पत्थरबाजी की कई छिटपुट वारदातें होती रही। मौजपुर, बाबरपुर, जाफराबाद, गोकुलपुरी, बृजपुरी आदि इलाकों में पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है। हालांकि इन क्षेत्रों के कई अंदरूनी इलाकों में आपसी भिड़ंत व एक दूसरे पर पत्थरबाजी की वारदातें अभी भी हो रही हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक उपद्रवी भीड़ ने यहां कई दुपहिया वाहनों को भी आग लगाने की कोशिश की है। मंगलवार सुबह मौजपुर के समीप ब्रह्मपुरी इलाके में उपद्रवी भीड़ ने एक बार फिर पथराव किया। छोटे-छोटे गुटों में बंटे उपद्रवियों के ये समूह पुलिस व कुछ अन्य लोगों पर पथराव करते दिखे। हालांकि बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी और सतर्कता के चलते यह उपद्रवी हिंसा फैलाने में नाकाम रहे। हिंसा की छिटपुट घटनाएं जाफराबाद, मौजपुर और बाबरपुर के अंदरूनी हिस्सों में भी सामने आई हैं।

हिंसा की आशंका के चलते पुलिस ने यहां सभी गैरजरूरी आवाजाही रोक दी है। मुख्य सड़क मार्ग पर बैरिकेड लगाए गए हैं। सड़कों पर वाहनों के साथ साथ पैदल व्यक्तियों की आवाजाही भी नियंत्रित की गई है। साथ ही सड़क के दोनों ओर बड़ी तादात में दिल्ली पुलिस रैपिड एक्शन फोर्स और अर्धसैनिक बलों के सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली पुलिस ने हिंसा ग्रस्त इलाकों के मेट्रो स्टेशन फिलहाल बंद करवा दिए हैं। जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एनक्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। इन सभी इलाकों में सोमवार को जबरदस्त हिंसा व आगजनी हुई थी। अब बाहर से उपद्रवी तत्व यहां आकर एकत्र ना हों, इसके लिए इन मेट्रो स्टेशनों को बंद रखा गया है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH