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ट्रेन में सीट नहीं मिली तो श्रमिक ने अपनी कमाई से खरीदी कार, परिवार संग गाजियाबाद से पहुंचा गोरखपुर

गोरखपुर। सरकार द्वारा श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए चल रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग कि किस तरह धज्जियां उड़ रही हैं ये किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में एक श्रमिक को गाजियाबाद से अपने परिवार को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गोरखपुर जाना था लेकिन कोरोना के डर से वो इसकी हिम्मत न जुटा सका। उसे अपने परिवार वालों कि चिंता थी। लेकिन घर जाना भी जरुरी था। इसके लिए अपनी पूरी कमाई से कार खरीदी और सबको लेकर गोरखपुर अपने घर पहुंच गया।

पीपीगंज क्षेत्र के कैथोलिया गांव निवासी लल्लन गाजियाबाद में काम करते है। कोरोना के चलते लॉकडाउन हुआ तो वह अपने परिवार के साथ वहीँ फंस गए। जैसे तैसे कुछ दिन तो उन्होंने वहां काट लिए लेकिन रोजगार जाने के चलते और दिन वहां काटना मुश्किल हो गया। तीन मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुरू हुई तो उन्होंने इससे घर जाने कि सोची लेकिन भीड़ देखकर वो इसकी हिम्मत न कर सके। उन्होंने डर था कि इस तरह भीड़ में यात्रा करने से उन्हें और उनके परिवार में भी किसी को कोरोना संक्रमण हो सकता है।

लल्लन ने बताया कि इसी बीच सामान्य ट्रेनों के चलने की सूचना मिली. लगातर तीन दिन प्रयास करने के बाद जब कन्फर्म बर्थ नहीं मिली तो विकल्प तलाशने लगा। आखिरकार कार खरीदने की सूझी। लल्लन बताते हैं कि तीन साल में 1.90 लाख रुपये बैंक में बचाकर रखा था। सारा पैसा बैंक से निकाला और 28 मई को कार बाजार से डेढ़ लाख रुपये की सेंकेण्ड हैंड कार खरीद ली। कार खरीदने के बाद वह उससे अपने परिवार को लेकर गोरखपुर आ गया।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH