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SSP ने कोरोना संक्रमित दोस्त को घर में रखा, खुद भी फैलाते रहे संक्रमण, फिर योगी का चला डंडा

प्रयागराज। प्रयागराज के एसएसपी रहे सत्यार्थ अनिरुद्ध ने हाल ही में 69 हजार शिक्षकों के भर्ती मामले में घोटाले का पर्दाफाश किया था जिसमे एक बीजेपी नेता समेत लगभग एक दर्जन लोगो को जेल भेजा गया था लेकिन अचानक ही सरकार ने उन्हें हटाकर प्रतीक्षा सूची में डाल दिया था जिसे लेकर विपक्ष सरकार को लगातार घेर रहा है। हालांकि सत्यार्थ अनिरुद्ध को उनकी कोरोना को लेकर बरती गई लापरवाही के चलते उनके पद से हटाया गया है।

आईपीएस सत्यार्थ ने पहले कोरोना पॉजिटिव अपने दोस्त को घर में रखा और उसके संक्रमण की बात छुपाई, फिर खुद भी संक्रमित होते हुए ड्यूटी करते रहे और अपने ड्राइवर एवं गनर को भी संक्रमित कर दिया। आईपीएस सत्यार्थ ने अपने बुजुर्ग पिता की सेहत का भी ख्याल नहीं रखा, उनकी गलती की वजह से उनके पिता भी संक्रमण के शिकार हो गए। जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा कोरोना के मामले में की गई इतनी बड़ी गलती और लापरवाही पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने सत्यार्थ को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया।

दरअसल प्रयागराज के एसएसपी रहे सत्यार्थ अनिरुद्ध का दोस्त उनसे मिलने 8 जून को प्रयागराज आया था। 10 जून को उसकी तबियत खराब होने पर कोरोना जांच कराई गई तो वह कोरोना संक्रमित निकला। डॉक्टरों ने एसएसपी सलाह दी कि उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाए लेकिन सत्यार्थ अनिरुद्ध ने अपनी धौंस दिखाते हुए उसे अपने आवास में ही रखा। साथ ही डाक्टर को भी अपना मुंह न खोले की धमकी दी।

इसके कुछ दिन बाद वो खुद कोरोना से संक्रमित हो गए लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की बजाय वो ड्यूटी करते रहे। गलती और लापरवाही की वजह से पुलिस फोर्स में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया। उनके गनर व अन्य कई पुलिसकर्मी भी संक्रमित हो गए ,इस मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हुई तो उन्होंने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आईपीएस सत्यार्थ का 15 जून को तबादला करते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH