Spiritual

राम नवमी कल, जानिए शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि

लखनऊ। राम नवमी का पर्व भगवान राम के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी की तिथि 21 अप्रैल बुधवार को पड़ रही है। हिंदू धर्म में राम नवमी के पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन को भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्म के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम की विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है।

ऐसी मान्यता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और पुष्य नक्षत्र में अयोध्या के राजा दशरथ के यहां भगवान राम का जन्म हुआ था। रामनवमी के दिन लोग बड़े उत्साह और उमंग के साथ मंदिर में पूजा पाठ और मंत्रों का जाप करते हैं। राम नवमी के अवसर कुछ मंत्रों के जाप करने से समस्याएं दूर होती है और सुख समृद्धि का वास होता है।

राम नवमी के दिन राम रक्षा स्रोत का अनुष्ठान करने से सुखी शांत गृहस्थ जीवन, रक्षा और सम्मान प्राप्त होता है। अगर आपने नवरात्र में राम रक्षा स्रोत का अनुष्ठान नहीं किया है तो इस दिन ग्यारह या इक्कीस जप कर लीजिए।

अगर आप पूरा स्रोत नहीं पढ़ सकते तो एक श्लोक – श्री राम राम रघुनंदम राम राम ही पढ़ लीजिये। श्री राम का मुख्य मन्त्र है- रां रामाय नम: इस मन्त्र का जप करने से आपको सुख और सम्मान की प्राप्ति होगी।

राम नवमी का शुभ मुहूर्त:

नवमी तिथि आरंभ: 21 अप्रैल, रात्रि 00:43 बजे से
नवमी तिथि समापन: 22 अप्रैल, रात्रि 00:35 बजे तक
पूजा का मुहूर्त: प्रात: 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक
पूजा की कुल अवधि: 02 घंटे 36 मिनट
रामनवमी मध्याह्न का समय: दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर

पूजा विधि:

राम नवमी की तिथि वाले दिन प्रात:काल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान राम का ध्यान करें और व्रत रखने का संकल्प लें। इसके बाद पूजा की थाली में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवश्य रखें। रामलला की मूर्ति को माला और फूल से सजाकर पालने में झूलाएं। इसके बाद राम नवमी की पूजा षोडशोपचार करें। इसके साथ ही रामायण का पाठ तथा राम रक्षास्त्रोत का भी पाठ करें। भगवान राम को खीर, फल और अन्य प्रसाद चढ़ाएं। पूजा के बाद घर की सबसे छोटी कन्या के माथे पर तिलक लगाएं और श्री राम की आरती उतारें। पूजा आदि के बाद हवन करने का भी विधान है | आज तिल, जौ और गुग्गुल को मिलाकर हवन करना चाहिए | हवन में जौ के मुकाबले तिल दो गुना होना चाहिए और गुग्गुल आदि हवन सामग्री जौ के बराबर होनी चाहिए | राम नवमी के दिन घर में हवन आदि करने से घर के अन्दर किसी भी प्रकार की अनिष्ट शक्ति का प्रवेश नहीं हो पाता और घर की सुख-समृद्धि सदैव बनी रहती है।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH