लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश सरकार की शह पर मंत्रियों द्वारा नदी, नाले और सरकारी जमीनों पर कब्जा कर घोटाला करने की घटनाओं पर मुख्यमंत्री कार्यालय, मंत्रियों व उच्च अधिकारियों की सांठगांठ की सीबीआई जांच कराकर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि सपा के मंत्री, विधायक व नेता गरीब, सीधी-साधी जनता की जमीनों पर कब्जा, प्रदेश की खनिज संपदा की लूट तो करते ही हैं, अब सपा के नेताओं द्वारा नदियों, सरकारी जमीनों को हड़पने और रसूख दिखाकर मुआवजे के नाम पर जालसाजी करने का मामला भी सामने आया है।
मौर्य ने अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “‘जब अखिलेश की है सरकार, तो लूट की छूट बना अधिकार।’ सपा के मुआवजा माफियाओं द्वारा सरकारी संपतियों को निजी स्वामित्व बताकर करोड़ों रुपये का अवैध रूप से मुआवजा लिया गया। अखिलेश सरकार के संरक्षण में भूमाफियाओं, अपराधियों और मुआवजा माफियाओं की खूब पौ बारह रही।”
उन्होंने कहा, “जिस सरकार में आम आदमी अपने हक के मुआवजे के लिए अखिलेश सरकार की ड्योड़ी पर मिन्नते करते रहे, लेकिन उन्हें अपना हक नहीं मिल सका।
दूसरी तरफ बुक्कल नवाब जैसे मुआवजा माफिया को बिना किसी जांच के करोड़ों का मुआवजा दे दिया गया। नदियों की सिल्ट में गोरखधंधा करने वालों ने गोमती तक का सौदा कर दिया।”
मौर्य ने कहा कि सपा विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब द्वारा गोमती नदी क्षेत्र को निजी जागीर बताकर करोड़ों रुपये का मुआवजा लेने पर उच्च न्यायालय की टिप्पणी से मुख्यमंत्री अखिलेश, उनके अधिकारियों, अपराधी व जालसाज मानसिकता के सपा नेताओं के गठजोड़ की असलियत सामने आई है।
बुक्कल नवाब को जालसाजी में मदद करने में सीधे अखिलेश के अधीन कार्य करने वाले प्रदेश के मुख्य सचिव राहुल भटनागर की भूमिका संदेह के घेरे में आई है।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय और उच्चाधिकारी सपा सरकार के मंत्रियों व नेताओं के अनैतिक कार्यो को छिपाने के लिए उच्च न्यायालय तक को झूठा हलफनामा देकर गुमराह करते हैं। यह सब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की शह पर हो रहा है।
मौर्य ने कहा कि सपा के मंत्रियों द्वारा राजधानी में एलडीए की जमीनों पर अवैध कब्जे, अखिलेश सरकार के इशारे पर अधिकारियों की सांठगांठ से राजधानी सहित प्रदेश के जिलों में सपा नेताओं द्वारा निजी व सरकारी जमीन पर जालसाजी व दबंगई से कब्जा करने की घटनाओं और मुआवजे के नाम पर सरकारी पैसा हड़पने की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।