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घातक है हेपेटाइटिस सी, कर सकता है लिवर को क्षतिग्रस्त

हेपेटाइटिस सी के कारण लक्षण और उपाय, घातक है हेपेटाइटिस सी, कर सकता है लिवर को क्षतिग्रस्तhepatitis c

जानिए हेपेटाइटिस सी के कारण, लक्षण और उपाय

हेपेटाइटिस सी लिवर से जुड़ी एक बीमारी है जो हेपेटाइटिस सी नामक विषाणु से संक्रमित होने पर पैदा होती है। यह संक्रमण आपके लिवर को क्षतिग्रस्त कर सकता है।

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हालांकि शुरूआती संक्रमण के बाद इसके लक्षणों को पहचानना बेहद कठिन है, लेकिन इसके बारे जानकारी होना बेहद आवश्यक है। जानिए इसके कारण, लक्षण-

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हेपेटाइटिस सी के कारण – प्रमुख रूप से हेपेटाइटिस सी, लिवर के कमजोर होने की स्थिति में होता है। निम्न कारण लिवर की कमजोरी और उसके खराब होने का कारण बनते हैं-

  1. अत्यधिक तेल मसाले युक्त भोजन का सेवन लिवर के लिए नुकसानदायक होता है। चटपटे एवं मिर्च मसालेयुक्त व्यंजन, बेसन एवं मैदे से बने व्यंजनों का सेवन, एवं वनस्पति घी का अधिक प्रयोग भी हानिकारक है।
  2. ऐसा गरिष्ठ भोजन जिसे पचाने में लिवर को अधिक मेहनत की आवश्यकता होती है या वह सक्षम ही नहीं है, लिवर पर दबाव पैदा करता है जो नुकसानदायक है। इस स्थिति में भोजन पेट में ही सड़ सकता है जिसके कीटाणु बीमारी पैदा करते हैं।
  3. धूम्रपान, किसी भी प्रकार का नशा या मांसाहार का सेवन लिवर के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। इससे लिवर पर सूजन आ सकती है।
  4. कई बार दवाईयों का सेवन भी लिवर की समस्याओं के लिए जिम्मेदार होता है। पैरासिटापोल, एंटीबायोटिक या ब्युटाजोलीडीन जैसी दवाईयों का अत्यधिक सेवन भी  लिवर को खराब कर सकता है।

हेपेटाइटिस सी के लक्षण :

  1. भूख न लगना या बेहद कम भूख लगना।
  2. सामान्य रहते हुए भी थकान महसूस होना।
  3. पेट में यकृत की ओर से दर्द महसूस होना।
  4. पीलिया होना भी इसका एक लक्षण हो सकता है।
  5. हल्का बुखार होना एवं खुजली।

हेपेटाइटिस सी के लिए घरेलू या आयुर्वेदिक इलाज-

  1. तुलसी के पत्ते का पेस्ट बनाकर इसे गन्ने के रस में मिलाकर रोगी का पिलाने से लाभ हो सकता है। 15 से 20 दिनों तक इसे लेने से लाभ होगा।
  2. शहद के साथ जरा सा कपूर मिलाकर रोगी का खिलाना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कपूर की मात्रा गेहूं के दाने बराबर ही हो, इस बात का विशेष ध्यान रखें।
  3. हरा धनिया को बारीक काट लें और उसमे 8 से 10 तुलसी के पत्ते डालकर 4 लीटर पानी में तब तक उबालें, जब तक यह 1 लीटर न रह जाए। अब इसे ठंडा करके ठंडा कर लें और दिन में 2 से 3 बार रोगी को पिलाएं।
  4. अपनी डाइट में नींबू, छुहारे, इलायची, बादाम, किशमिश, आंवला, पालक, टमाटर के अलावा कई तरह के फलों को शामिल करें।
  5. हो सके तो कुछ दिन सिर्फ फलाहार लें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
  6. तुलसी के पत्ते को पीसकर मूली के रस के साथ लेने से भी लाभ होगा।
  7. फास्ट फूड एवं जंक फूड को खाने से बचें।
  8. बच्चों के लिए हेपेटाइटिस के लिए विशेष टीके उपलब्ध है।
  9. हेपेटाइटिस संक्रमित इंजेक्शन, रेजर आदि का प्रयोग आपको संक्रमित कर सकता है, इसलिए इन चीजों का प्रयोग सावधानी से करें।
  10. इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति से संबंध बनाना, टैटू बनवाना एवं कान या नाक छिदवाते समय सावधानी रखें।
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