मॉनसून का मौसम आपकी त्वचा को बना सकता है रूखा और बेजान
लखनऊ। मॉनसून के इस मौसम में वातावरण में मौजूद नमी त्वचा को बेजान कर सकती है। ऐसे में आयुर्वेद सबसे सुरक्षित उपाय है। आयुर्वेदिक साबुन के इस्तेमाल से त्वचा की चमक और ताजगी बरकरार रखी जा सकती है।इस मौसम में लैवेंडर साबुन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इसके जीवाणुरोधी गुण त्वचा में हो रही जलन और खुजली को दूर करते हैं, इसकी खुशबू ताजगी और सुकून का अहसास कराती है।
–गुलाब जल की हा तरह गुलाब के सत्वों से बना साबुन त्वचा में प्राकृतिक नमी बरकरार रखते हुए चमक और निखार लाता है। गुलाब का तेल और पंखुड़ियां त्वचा के दाग-धब्बों को दूर करते हैं।
–तैलीय त्वचा के लिए मानसून में चारकोल साबुन अच्छा विकल्प है। इसमें मौजूद एक्टिवेटेड बैंबू चारकोल गंदगी, टॉक्सिन और अशुद्धियों को दूर कर त्वचा के रोम छिद्रों को खोल देते हैं और मुंहासे, दाग-धब्बे भी दूर करते हैं।
–आयुर्वेदिक साबुन जैसे बायो ऑलमंड ऑयल शरीर को पोषित करते हैं। बादाम, मारगोसा, नारियल तेल, हल्दी आदि से युक्त होते हैं, जो त्वचा को मुलायम बनाते हैं। साथ ही ph balance को प्रभावित किए बिना सौम्यता से शरीर को साफ करते हैं और इसे रिजूविनेट करते हैं।
–ऐसे ही फलों को पोषक तत्वों से बने साबुन सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त होते हैं। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटा कर रोम छिद्र खोल देता है और मुंहासों को नियंत्रित कर दाग-धब्बे कम करता है। साथ ही त्वचा कोमल हो जाता है।