सनस्क्रीन न लगाने पर आप कर सकते हैं धूप की UV rays का सामना
लखनऊ। हॉलीवुड डॉक्टर हॉवर्ड मुराद का कहना है कि स्मार्टफोन और कंप्यूटर स्क्रीन से निकलने वाली UV rays त्वचा के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इसलिए कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करते समय भी हमें सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।टेलर स्विफ्ट, जेनिफर लोपेज और जेरी हॉल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. मुराद का कहना है कि कंप्यूटर और स्मार्टफोन का असर हमारी त्वचा पर धूप जितना ही हानिकारक हो सकता है। डॉ. मुराद के मुताबिक 4 दिन तक कंप्यूटर पर काम करते समय जितनी मात्रा में अल्ट्रावायलट किरणों का सामना हम करते हैं, वह 20 मिनट धूप में रहने के बराबर है।
डॉ. मुराद ने कहा कि इससे बचने के लिए एक तत्व ल्यूटिन युक्त सनस्क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा यह कुछ फलों व सब्जियों में भी पाया जाता है। ल्यूटिन सूरज की खतरनाक अल्ट्रावायलट किरणों से हमारी रक्षा करता है।
प्राकृतिक रूप से ल्यूटिन प्राप्त करने के लिए अनार, तरबूज का सेवन किया जा सकता है। इनमें एंटी ऑक्सिडेंट के अलावा जलनरोधी तत्व भी होते हैं, जो सूरज की रोशनी से बचाव करते हैं। स्मार्टफोन या कंप्यूटर की स्क्रीन से निकलने वाली अल्ट्रावायलट किरणों के प्रभाव से त्वचा के रंग के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन प्रभावित होता है।
ये किरणें त्वचा की परतों के भीतर पहुंचकर कोलाजेन, हियालुरोनिक एसिड और एलास्टिन को क्षति पहुंचाती हैं। इससे बचने के लिए कंप्यूटर और फोन की स्क्रीन की लाइट कम की जा सकती है। आप इनके ऊपर फिल्टर भी लगा सकते हैं।