लेबनान के अक्कर जिले में ईंधन से भरे टैंक में ब्लास्ट होने के कारण करीब 20 लोगों की दर्दनाक तरीके से मौत हो गई है। इसकी जानकारी रेड क्रॉस की ओर से रविवार को ट्विटर के माध्यम से दी गई। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रेड क्रॉस ने बताया कि करीब 79 लोग इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन लोगों को खून की आवश्यकता है।
ईंधन की कमी से जूझ रहा लेबनान
उधर, लेबनान पहले से ही ईंधन की कमी से जूझ रहा है। अस्पतालों का कहना है कि उनके पास बहुत कम ईंधन बचा है, इसलिए उन्हें बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। एक खुफिया सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि लेबनान आर्मी ने एक ईंधन टैंक को कब्जे में लिया था। वहां मौजूद लोगों के अनुसार जिस समय यह हादसा हुआ, करीब 200 लोग वहां पर मौजूद थे। रेड क्रॉस ने बताया कि उनकी टीमें अभी भी घटना स्थल का मुआयना कर रहीं हैं। इसकी फोटो भी उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर जारी की हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी ने सरकार पर बोला हमला
लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी ने ट्विटर पर लिखा कि अक्कर का नरसंहार एक साल पहले बंदरगाह पर हुए नरसंहार की तरह है। उन्होंने इस घटना का जिम्मेदार अफगान सरकार को बता इस्तीफा देने की मांग की है। हरीरी, सुन्नी मुसलमानों के बीच प्रमुख राजनेता हैं। वहीं उत्तरी लेबनान उनका दबदबा भी है, यही कारण है कि लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन का वह खुले तौर पर विरोध भी करते हैं। आउन के पार्टी के प्रमुख जेब्रन बसील ने ट्विटर पर लिखा कि अक्कर में पीड़ित परिवारों के साथ हम खड़े हैं।