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बदलते मौसम के साथ डेंगू के लक्षणों को न ले हल्के में, जानिए किस तरह करना है बचाव

जब-जब मौसम बदलता है, तब-तब ये बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है। लोग पहले से ही हार्ट, किडनी, लिवर और कोरोना जैसी खतरनाक महामारी से पीड़ित है। इन सबके बीच देश के कई हिस्सों से ये खबर सामने आ रही है कि लोग डेंगू के शिकार हो रहे हैं और ये लगभग हर साल ही देखा जाता है कि इसके मरीज सामने आते हैं। डेंगू मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है और ये काफी खतरनाक बीमारी भी है। इसकी चपेट में आने के बाद मरीज की प्लेटलेट्स काफी कम होने लगती है, जिसकी वजह से खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में हम आपको डेंगू जैसी बीमारी से बचने के कुछ तरीके और इसके लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।

कैसे फैलती है डेंगू की बीमारी?

डेंगू का मच्छर काफी खतरनाक होता है और ये ज्यादातर दिन में ही काटता है, जिसकी वजह से लोग डेंगू की चपेट में आ जाते हैं। इस बीमारी से सभी उम्र के लोग प्रभावित होते हैं। इसमें तेज बुखार, नाक-मसूड़ों से खून निकलने और प्लेटलेट्स गिरने जैसी दिक्कतें काफी होती हैं।

ये हैं लक्षण

-जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
-शरीर पर चकत्ते होना
-तेज सिरदर्द होना
-आंखों में बेचैनी होना
-उल्टी होना या महसूस होना।

इन बातों का रखें खास ध्यान

-डेंगू के लक्षण दिखते ही सबसे पहले अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

-कूलर, पानी की टंकी, गमले या पानी जमा होने वाली जगह की नियमित रूप से सफाई करें।

-किचन से निकलने वाले कचरे को काफी दिन तक जमा न होने दें। इसकी जगह पर रोजाना इस ठोस कचरे को बाहर करें।

सोते समय मच्छरदानी में ही सोएं, क्योंकि ये मच्छरों से बचने का एक बेहतर विकल्प है।

-फुल स्लिव्स यानी पूरे बाजू के कपड़े पहनें और गंदी जगह से दूर रहें।

डॉ. परवेश मलिक एक फिजिशियन हैं और वर्तमान में पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में कार्यरत हैं। डॉ. मलिक ने हरियाणा के महर्षि मार्कंडेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड रिसर्च मुल्लाना, से अपना एबीबीएस पूरा किया है। इन्होंने जनरल मेडिसिन में एमडी भी किया। पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में काम करने से पहले डॉ. परवेश ने एम.एम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी में जूनियर रेजिडेंट के तौर पर काम किया है।

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