LifestyleNationalRaksha Bandhan 2018

इन गानों के बिना अधूरा है रक्षाबंधन का त्योहार, आपने भी सुना है खूब

लखनऊ। रक्षाबंधन के त्योहार को महज चार दिन बचे हैं। 26 अगस्त को पूरे भारत में रक्षाबंधन का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। अब जब रक्षाबंधन के सिर्फ चार दिन बचे हैं तो बाज़ार राखियों से सज गए हैं। हर ओर राखियों की दुकान नज़र आ रही है लेकिन इन सबके बीच लोग राखी के गाने भी सुन रहे हैं। रक्षाबंधन का त्योहार हो तो सबसे पहले दिमाग में ‘फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हज़ारों में मेरी बहना है’ गाना आता है। इसके अलावा भी कई गाने हैं जिनके बिना रक्षाबंधन का त्योहार अधूरा है। सभी गाने पुराने हैं। इन्हें लोग आज भी लोग उतने ही चाव से सुनते हैं।

आज हम आपको रक्षाबंधन से जुड़े उन दस गानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बिना ये त्योहार अधूरा है

इसे समझो ना रेशम की डोर भैया। मेरी राखी का मतलब है प्यार भैया

बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है। प्यार के दो तार से संसारा बांधा है

फूलों का तारों का सबका कहना है। एक हजारों में मेरी बहना है

भैया मेरे, राखी के बंधन को निभाना। भैया मेरे, छोटी बहन को न भुलाना

बांध के हमने रेशम डोरी, तुम से वो उम्मीद है जोड़ी। नाजुक है जो दांत (?) के जैसे, पर जीवन भर जाए न तोड़ी

मेरे भैया मेरे चंदा। मेरे अनमोल रतन

तेरी सांसों की कसम खाके हवा चलती है। तेरे चहरे की खलक पाके, बहार आती है

मेरे भैया मेरे चंदा। मेरे अनमोल रतन

तेरे चेहरे की महकती हुई लडिय़ों के लिए नगिनत फूल उम्मीदों के चुने हैं मैंने

तेरी सांसों की कसम खाके, हवा चलती है। तेरे चहरे की खलक पाके, बहार आती है

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH