वित्तमंत्री अरूण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस में किया ऐलान
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने को छोटे कारोबारियों को थोड़ी राहत दी है। कैशलेस लेनदेन पर अनुमानित आय की दर आठ फीसद से घटाकर छह फीसद कर दी गई है।
इसका मतलब यह हुआ कि यदि कोई कारोबारी दो करोड़ तक का कैशलेस लेनदेन करता है तो उसकी अनुमानित आय 12 लाख मानी जाएगी। जोकि नगद कारोबार में 16 लाख मानी जाती है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक प्रेस कांफ्रेंस में इसका एलान किया। इसके अलावा दो करोड़ तक के लेनदेन पर कैशबुक रखने की भी जरूरत नहीं रहेगी। साफ बात है कि अगर आपने कैशलेस कारोबार किया तो आपको कम टैक्स देना होगा।
आयकर स्लैब बढ़ाने के भी दिए संकेत
इसके अलावा एक प्रश्न के जवाब में अरूण जेटली ने आगामी बजट में आयकर दरों के स्लैब में भी परिवर्तन के संकेत दिए।
RBI के पास पर्याप्त मुद्रा
जेटली ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक नोटबंदी के लिए पूरी तरह से तैयार था। उसके पास पर्याप्त मात्रा में मुद्रा उपलब्ध है जो 30 दिसंबर के बाद भी चलेगा। बैंकों ती मिल रही शिकायत पर उन्होंने कहा कि बैंकों से कहा गया है कि वे गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
इससे पहले सोमवार को भी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक नोटिस में कहा कि कानून की धारा 44 एडी के तहत लाभ को कारोबार का आठ प्रतिशत माने जाने की मौजूदा दर को कम कर छह प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। यह 2016-17 के लिए बैंक चैनल (डिजिटल माध्यमों ) से प्राप्त कुल कारोबार या सकल प्राप्ति की राशि के संदर्भ में लागू होगा।
कर विभाग ने यह भी कहा है कि कानून की धारा 44एडी के तहत उस स्थिति में जबकि कुल कारोबार या सकल प्राप्ति नकद में हासिल की जाती है तो कर लगाने के लिए लाभ को आठ प्रतिशत ही माना जाएगा। सरकार ने ताजा फैसला अर्थव्यवस्था में कैशलेस माध्यमों से भुगतान स्वीकार करने वाले छाटे कारोबारियों और कंपनियों को प्रोत्साहन देने के मकसद से किया गया है।
राहत
2 करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार करने वाले व्यापारियों को फायदा
8% लाभ मानकर टैक्स का आकलन करने का है मौजूदा नियम
6% लाभ मानकर टैक्स का आकलन होगा नए नियम के लागू होने पर